Self-love
मेरे पास उदास होने के हमेशा से बहुत कारण रहे हैं,और मैं उदास हो भी जाया करती हूं। पर फिर लगता है मानो मेरे साथ साथ सारी सृष्टि भी उदास हो गई हो, और फिर मैं बहुत कोशिश करके एक छोटी सी मुस्कान अपने चेहरे पर लेकर आ जाती हूं, और फिर मुझे लगता है संपूर्ण सृष्टि मेरे सर पर हाथ रख कर कहती है , एक दिन यह मुस्कान सच्ची होगी और हम तुम्हारे साथ हैं हमेशा । वह जो प्यार, जो एहसास मैं अपने सर पर महसूस करती हूं , शायद मेरी कल्पना हो । पर कुछ ऐसे ही, इस तरह ही, मैंने अपने अकेलेपन में भी खुद से प्यार करना सीख लिया।
मुझे लगता है हमें खुद से प्यार करना सीख लेना चाहिए जितनी जल्दी हो सके, बहुत से लोगों को लगता है खुद से प्यार करना हमें स्वार्थी बनाता है । पर मेरा मानना है स्वार्थी होना एक गुण है और खुद से प्यार करना एक कला । और स्वार्थ एक ऐसा गुण है जो हर किसी में कम या अधिक मात्रा में होता ही है, पर खुद से प्यार करना आना यह कला हर किसी के पास नहीं होती। तो आप खुद से प्यार करें ना करें फिर भी आप स्वार्थी हो सकते हैं ,पर खुद से प्यार करने वाला हर व्यक्ति स्वार्थी नहीं होता।
अंतिम पंक्ति को समझने की कोशिश करें।
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